एकल शिक्षक शालाओं में अतिथि शिक्षक भर्ती का मामला कोयलीबेड़ा ब्लॉक में
तूल पकड़ता जा रहा है। अतिथि शिक्षकों की भर्ती शाला विकास समिति के माध्यम
से होना है, लेकिन शाला विकास समिति के अध्यक्ष और सदस्यों द्वारा शासन के
निर्देशों का पालन न करते हुए अपनी मर्जी से की जा रही है।
समिति के लोग सारे नियमों को दरकिनार कर अपने गांव के ही लोगों को नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। ऐसे में शिकायतों का दौर भी शुरू हो गया है। शिकायतकर्ताओं की शिकायत की भी नहीं सुनी जा रही है। ब्लॉक में अतिथि शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया 25 अक्टूबर तक पूरी हो जानी थी, लेकिन आज भी कई शालाओं का प्रस्ताव बीईओ कार्यालय नहीं पहुंच पाया है। कोयलीबेड़ा ब्लॉक में 118 प्राथमिक तथा माध्यमिक शाला में 118 शिक्षकों के पद में भर्ती हो रही है।
अभ्यर्थियों ने सदस्यों पर अपने गांव के युवाओं को नियुक्त करने का आरोप
वर्तमान में 87 शालाओं से ही शिक्षक की नियुक्ति का प्रस्ताव कार्यालय पहुंच सका है। कई बेरोजगारों ने भर्ती में डीएड बीएड को प्राथमिकता न देते हुए स्थानीय युवक जो 12 वीं पास है उसे नियुक्ति देने की शिकायत कर रहे हैं।
अब तक सिर्फ 87 की नियुक्ति का प्रस्ताव पहुंचा
गांव के लोगों को ही नियुक्ति देने में अड़े समिति सदस्य
घोड़ागांव में माध्यमिक शाला में अतिथि शिक्षक की नियुक्ति होनी है, लेकिन गांव केही माध्यमिक शाला की शाला विकास समिति के सदस्य डीएड बीएड को नियुक्त न दे गांव के ही स्थानीय युवक को नियुक्त करने पर अड़े हैं। इस कारण शाला में अतिथि शिक्षक की नियुक्ति ही नहीं हो पाई है। कुछ ऐसा ही हाल ग्राम ढोरकटटा प्राथमिक शाला का है। इस शाला में भी ग्राम पंचायत के ही डीएड धारी को नियुक्ति न देते हुए स्थानीय गांव के ही युवक को नियुक्ति कर दिया गया है। डीएड धारी नंदलाल विश्वास ने बताया उन्होंने इसकी शिकायत शाला विकास समिति से की तो न वे आवेदन ले रहे है और न ही इसकी शिकायत बीईओ कार्यालय में लिया जा रहा। मनमानी कर नियुक्ति करनी थी, तो शासन ने भर्ती के लिए निर्देश क्यों जारी किए।
उच्चाधिकारियों से निर्देश मांगे गए हैं : बीईओ किशोर कुमार यादव ने कहा अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए जो निर्देशों का पालन करना है, उसकी पूरी जानकारी शाला विकास समिति को दी गई है। पालन करने के निर्देश भी दिए गए हंै। अगर कोई समिति द्वारा मनमानी की जाती है, तो इस स्थिति में क्या करना है, इस संबध में कोई निर्देश नहीं है। उच्चाधिकारियों से इस मामले में निर्देश मांगे गए हैं।
समिति के लोग सारे नियमों को दरकिनार कर अपने गांव के ही लोगों को नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। ऐसे में शिकायतों का दौर भी शुरू हो गया है। शिकायतकर्ताओं की शिकायत की भी नहीं सुनी जा रही है। ब्लॉक में अतिथि शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया 25 अक्टूबर तक पूरी हो जानी थी, लेकिन आज भी कई शालाओं का प्रस्ताव बीईओ कार्यालय नहीं पहुंच पाया है। कोयलीबेड़ा ब्लॉक में 118 प्राथमिक तथा माध्यमिक शाला में 118 शिक्षकों के पद में भर्ती हो रही है।
अभ्यर्थियों ने सदस्यों पर अपने गांव के युवाओं को नियुक्त करने का आरोप
वर्तमान में 87 शालाओं से ही शिक्षक की नियुक्ति का प्रस्ताव कार्यालय पहुंच सका है। कई बेरोजगारों ने भर्ती में डीएड बीएड को प्राथमिकता न देते हुए स्थानीय युवक जो 12 वीं पास है उसे नियुक्ति देने की शिकायत कर रहे हैं।
अब तक सिर्फ 87 की नियुक्ति का प्रस्ताव पहुंचा
गांव के लोगों को ही नियुक्ति देने में अड़े समिति सदस्य
घोड़ागांव में माध्यमिक शाला में अतिथि शिक्षक की नियुक्ति होनी है, लेकिन गांव केही माध्यमिक शाला की शाला विकास समिति के सदस्य डीएड बीएड को नियुक्त न दे गांव के ही स्थानीय युवक को नियुक्त करने पर अड़े हैं। इस कारण शाला में अतिथि शिक्षक की नियुक्ति ही नहीं हो पाई है। कुछ ऐसा ही हाल ग्राम ढोरकटटा प्राथमिक शाला का है। इस शाला में भी ग्राम पंचायत के ही डीएड धारी को नियुक्ति न देते हुए स्थानीय गांव के ही युवक को नियुक्ति कर दिया गया है। डीएड धारी नंदलाल विश्वास ने बताया उन्होंने इसकी शिकायत शाला विकास समिति से की तो न वे आवेदन ले रहे है और न ही इसकी शिकायत बीईओ कार्यालय में लिया जा रहा। मनमानी कर नियुक्ति करनी थी, तो शासन ने भर्ती के लिए निर्देश क्यों जारी किए।
उच्चाधिकारियों से निर्देश मांगे गए हैं : बीईओ किशोर कुमार यादव ने कहा अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए जो निर्देशों का पालन करना है, उसकी पूरी जानकारी शाला विकास समिति को दी गई है। पालन करने के निर्देश भी दिए गए हंै। अगर कोई समिति द्वारा मनमानी की जाती है, तो इस स्थिति में क्या करना है, इस संबध में कोई निर्देश नहीं है। उच्चाधिकारियों से इस मामले में निर्देश मांगे गए हैं।