भास्कर न्यूज | रायगढ़ मॉडल स्कूलों के हैंडओवर के बाद भी जिले में सरकारी शिक्षकों के भरोसे ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है। पीपीपी प्रोजेक्ट पर संचालित होने के बाद भी डीएवी प्रबंधन की ओर से दोनों स्कूलों में केवल 2-2 शिक्षकों की ही नियुक्ति की गई है। जिससे पहली से बारहवीं कक्षा की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
सरकारी माडल स्कूलों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप फार्मूले में देने के बाद अब तक स्कूलाें में सही तरीके से पढ़ाई शुरू नहीं हो पा रही है। जिले के लैलूंगा एवं धरमजयगढ़ में संचालित दोनों माडल स्कूलों में भी डीएवी प्रबंधन को व्यवस्था संभालनी थी और पूर्व में छठवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं के अलावा पहली से पांचवीं के लिए भी नया एडमिशन देना था लेकिन सीबीएससी सिलेबस से इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई के लिए पर्याप्त रूप से शिक्षकों की ही व्यवस्था नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार दोनों स्कूलों की 12 कक्षाओं के लिए डीएवी प्रबंधन ने केवल 2-2 शिक्षकों की ही नियुक्ति की है।
इस वजह से पूर्व में दोनों माडल स्कूलों में अध्यापन का काम देख रहे सरकारी शिक्षकों को भी स्कूलों के हैंडओवर होने के बाद भी व्यवस्था संभालना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार लैलूंगा में 2 तथा धरमजयगढ़ में 3 नियमित शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि हैंडओवर के बाद इन्हें अपनी पूर्व पदस्थापना के तहत शासकीय स्कूलों में उपस्थिति देनी है लेकिन सरकारी से पीपीपी प्रोजेक्ट पर हो जाने के बाद भी अपनी सेवाएं देने के संबंध में संबंधित शिक्षक व्यवस्था संभलने तक काम करने की मजबूरी जता रहे हैं।
कमेटी ने किया सत्यापन, अब एग्रीमेंट
शासकीय भवन एवं संसाधनों को हैंडओवर करने के लिए जिला प्रशासन ने पहले एसडीएम के नेतृत्व में डीएवी ग्रुप के साथ सभी संपत्तियों का सत्यापन करवाया है और अब इसके बाद नियमों के अनुसार प्रशासन के साथ शपथ पत्र पर एग्रीमेंट भी किया जाएगा।
मॉडल स्कूलों में डीएवी प्रबंधन के ही शिक्षक पढ़ाएंगे। सरकारी शिक्षक व्यवस्था संभलने तक ही हैं। ऐसे शिक्षकों को रिलीव कर मूल पदस्थापना वाली जगह में भेजा जाएगा।'' एच आर सोम, जिला शिक्षा अधिकारी
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सरकारी माडल स्कूलों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप फार्मूले में देने के बाद अब तक स्कूलाें में सही तरीके से पढ़ाई शुरू नहीं हो पा रही है। जिले के लैलूंगा एवं धरमजयगढ़ में संचालित दोनों माडल स्कूलों में भी डीएवी प्रबंधन को व्यवस्था संभालनी थी और पूर्व में छठवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं के अलावा पहली से पांचवीं के लिए भी नया एडमिशन देना था लेकिन सीबीएससी सिलेबस से इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई के लिए पर्याप्त रूप से शिक्षकों की ही व्यवस्था नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार दोनों स्कूलों की 12 कक्षाओं के लिए डीएवी प्रबंधन ने केवल 2-2 शिक्षकों की ही नियुक्ति की है।
इस वजह से पूर्व में दोनों माडल स्कूलों में अध्यापन का काम देख रहे सरकारी शिक्षकों को भी स्कूलों के हैंडओवर होने के बाद भी व्यवस्था संभालना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार लैलूंगा में 2 तथा धरमजयगढ़ में 3 नियमित शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि हैंडओवर के बाद इन्हें अपनी पूर्व पदस्थापना के तहत शासकीय स्कूलों में उपस्थिति देनी है लेकिन सरकारी से पीपीपी प्रोजेक्ट पर हो जाने के बाद भी अपनी सेवाएं देने के संबंध में संबंधित शिक्षक व्यवस्था संभलने तक काम करने की मजबूरी जता रहे हैं।
कमेटी ने किया सत्यापन, अब एग्रीमेंट
शासकीय भवन एवं संसाधनों को हैंडओवर करने के लिए जिला प्रशासन ने पहले एसडीएम के नेतृत्व में डीएवी ग्रुप के साथ सभी संपत्तियों का सत्यापन करवाया है और अब इसके बाद नियमों के अनुसार प्रशासन के साथ शपथ पत्र पर एग्रीमेंट भी किया जाएगा।
मॉडल स्कूलों में डीएवी प्रबंधन के ही शिक्षक पढ़ाएंगे। सरकारी शिक्षक व्यवस्था संभलने तक ही हैं। ऐसे शिक्षकों को रिलीव कर मूल पदस्थापना वाली जगह में भेजा जाएगा।'' एच आर सोम, जिला शिक्षा अधिकारी
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