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अवकाश पर जाने वाले शिक्षकों की तबीयत जानेंगे कलेक्टर

बिलासपुर. ट्रेनिंग और शासकीय दायित्व से बचने के लिए अब शिक्षक मेडिकल का बहाना नहीं बना पाएंगे। कलक्टर ने शिक्षा विभाग को साफ तौर पर यह आदेश दिया है कि एेसे प्रकरणों में अवकाश की स्वीकृति उनके अनुमोदन पश्चात ही की जाएगी।


दरअसल शिक्षा विभाग में पीजीबीटी, प्राइमरी, मिडिल के शिक्षकों को विभाग द्वारा समय-समय पर मुख्यालय से बाहर दिए जाने वाले प्रशिक्षणों में भेजा जाता है। यह प्रशिक्षण 5 दिन से लेकर 14 दिनों तक का होता है।

यह प्रशिक्षण जिला, ब्लॉक व स्टेट स्तर का भी होता है, इसके अलावा शिक्षकों को शासकीय दायित्व पर भी भेजा जाता है, जिससे बचने के लिए शिक्षक अक्सर मेडिकल लगाकर अवकाश पर चले जाते हैं, इससे विभाग का प्रशिक्षण कार्य तो प्रभावित होता ही है साथ ही विभाग की छवि भी खराब होती है।

पिछले दिनों कलक्टर अन्बलगन पी ने कलेक्टोरेट स्थित मंथन सभाकक्ष में पेंड्रा स्थित डाइट की वार्षिक कार्ययोजना की बैठक ली, जिसमें सालभर में दिए जाने वाले प्रशिक्षण का लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया। बैठक में यह बात सामने आई कि पेण्ड्रा स्थित डाइट केंद्र में प्रशिक्षण के दौरान बिलासपुर, बिल्हा, तखतपुर, कोटा जैसे विकासखण्डों के शिक्षकों की अनुपस्थित ज्यादा रही।

हमेशा रहते हैं नदारद : अनुपस्थित शिक्षक ट्रेनिंग के नाम पर अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। इसके पहले भी कलक्टर ने स्कूलों के अधूरे कोर्स को पूरा करने के लिए 30 नवंबर 2016 को आदेश जारी कर दूसरी स्कूलों में करीब सवा सौ अतिशेष शिक्षकों को अध्यापन कार्य के लिए 1 दिसंबर से 20 फरवरी तक अध्यापन कार्य कराने के लिए स्थानांतरण आदेश जारी किया था, जिसमें करीब डेढ़ दर्जन से अधिक शिक्षक मेडिकल लेकर घर बैठ गए थे। इसके बाद पिछले सत्र में ट्राइवल विभाग के बंद हुए आश्रम , छात्रावासों के करीब 60 शिक्षकों को दूसरी स्कूलों में किए गए स्थानांतरण के बाद आधे से अधिक शिक्षकों ने ज्वाइन नहीं किया, इसमें से भी कई शिक्षक मेडिकल लेकर नई शालाओं में ज्वाइन नहीं किया है।

डॉक्टर से करेंगे बात : समय-समय पर शिक्षकों की इन हरकतों की जानकारी कलक्टर को मिलती रही है, जिससे गुस्साए कलक्टर ने विभाग के अधिकारियों को साफ तौर पर निर्देश जारी करते हुए एेसे प्रकरणों में आए मेडिकल के आवेदनों को सीधे कलक्टर के पास भेजकर अनुमोदन पश्चात अवकाश स्वीकृत करने को कहा। कलक्टर ने कहा कि मेडिकल प्रकरण के आवेदनों को वह स्वयं देखकर संबंधित डॉक्टर से बात करने के बाद ही अवकाश की स्वीकृति दी जाएगी। दरअसल पेंड्रा स्थित डाइट केंद्र जिला मुख्यालय से काफी दूरी पर और आउटर में है, जहां विभाग द्वारा समय-समय पर 5 से 15 दिनों तक के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। जिला मुख्यालय के आसपास प्रशिक्षण होने पर शिक्षक दिन में ट्रेनिंग कर शाम को अपने घर आ जाते हैं, लेकिन पेंड्रा से इस दौरान अप-डाउन करने में परेशानी होती है, इसलिए शिक्षक मेडिकल लेकर घर बैठ जाते हैं।

अनुमोदन के बाद ही मिलेगी छुट्टी : विभाग के प्रशिक्षण व अध्यापन व्यवस्था में शामिल न होकर मेडिकल पर जाने वाले शिक्षकों के आवेदनों का अनुमोदन कलक्टर द्वारा स्वयं करने के निर्देश दिए गए हैं। कलक्टर के अनुमोदन पश्चात ही एेसे अवकाश की स्वीकृति दी जाएगी।

-मनोज राय, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर

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