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Govt Jobs : Opening

विधायकों ने पूछा- बिना शिक्षकों के पढ़ाई में कैसी गुणवत्ता ला रहे मंत्रीजी

विधानसभा में बुधवार को प्रदेश में विषय शिक्षकों, प्राचार्यों व हेडमास्टरों के हजारों खाली पदों को लेकर शिक्षामंत्री केदार कश्यप घिर गए। उनसे सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायकों ने पूछा कि बिना शिक्षकों के आप पढ़ाई में किस तरह गुणवत्ता अभियान चला रहे हैं। बिना भवन के स्कूल और जीणशीर्ण स्कूलों में खतरे को लेकर भी सवाल पूछा गया। विघायकों ने पूछा कि ये भवन कब तक ठीक कर लिए जाएंगे।


प्रश्नकाल में शिवरतन शर्मा, खिलावन साहू, लालजीत सिंह राठिया, रामलाल चौहान, केराबाई मनहर, डॉ. रेणु जोगी, श्यामलाल कंवर आदि ने स्कूलों व छात्रावासों से संबंधित सवाल कश्यप से पूछे। शर्मा ने कहा कि 8-10 सालों से भर्ती नहीं हो रही है। केवल भाटापारा-बलौदाबाजार जिले में ही 1501 शालाओं में 3352 शिक्षक नहीं हैं। 54 स्कूलों में प्राचार्य नहीं हैं। आप वित्त विभाग की मंजूरी नहीं मिलने का बहाना नहीं कर सकते। यह मंत्रिमंडल की संयुक्त जिम्मेदारी है। मैदानी इलाकों में तो शिक्षक मिल ही सकते हैं। कवासी लखमा ने कहा कि उनके क्षेत्र में 250 शिक्षाकर्मी पढ़ाना छोड़कर दूसरे दफ्तरों में काम कर रहे हैं। उन्हें पढ़ाने का काम कब देंगे। केराबाई मनहर ने सारंगढ में हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के शिक्षकों की मांग की।

विषय शिक्षक नहीं मिल रहे : कश्यप

शिक्षामंत्री ने स्वीकार किया कि विषय शिक्षक समय पर नहीं मिलते हैं। खासकर फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायलाजी के। इन विषयों के शिक्षक पदोन्नति के बाद भी जरूरत वाले स्थानों पर ज्वाइन नहीं करते हैं। हमने 92000 शिक्षकों की भर्ती की है। बाकी पद भरने के प्रयास कर रहे हैं। बजट की उपलब्धता के आधार पर भवन बनाने और मरम्मत के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

अमित ने मां से कहा मेरे इलाके को न घसीटें: कोटा विधायक डॉ. रेणु जोगी व मारवाही विधायक उनके बेटे अमित जोगी में विधानसभा क्षेत्र को लेकर सदन में दिलचस्प बातचीत हुई। डॉ. जोगी शिक्षामंत्री से कोटा-मारवाही में संचालित बालक व बालिका छात्रावास पर सवाल कर रही थीं। शिक्षामंत्री ने अपने जवाब में डोगरिया स्कूल का जिक्र किया तो जोगी ने कहा कि ये तो मारवाही में है, मेरे क्षेत्र में नहीं है। इस पर अमित ने कहा कि आप मेरे क्षेत्र को न घसीटें, अपने क्षेत्र तक ही सीमित रहें। इस पर डॉ. जोगी बोलीं कि मैं कहां घसीट रही हूं, वो तो मंत्रीजी जवाब दे रहे हैं। इस पर सदन में ठहाका लगने लगा।





कृषिमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बेटे को मम्मी के लिए इतना त्याग तो करना ही पड़ेगा। मंत्री कश्यप ने कहा कि मैडम आपने प्रश्न में कोटा-मरवाही दोनों पर सवाल पूछा है, इसलिए मैंने जवाब दिया। डॉ. जोगी ने कहा कि आप कोरबा में बैगा आदिवासियों के बच्चों के लिए 500 सीटर छात्रावास खोल रहे हैं, जबकि मेरे क्षेत्र में जो है, उसे भी बंद कर रहे हैं। हम विपक्ष में हैं तो ऐसा पक्षपात तो न करें। कश्यप ने कहा कि सीटों की जरूरत के मुताबिक हाॅस्टल खोले व बंद किए जा रहे हैं। अमित ने छात्रावास में डीजे पार्टी करने के मामले में दोषी अफसरों व कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

दो हफ्ते में पेंड्रावन बनेगा पर्यटन स्थल : बृजमोहन

सदन में बुधवार को सिंचाई मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने घोषणा की कि पेंड्रावन जलाशय को 10-15 दिन में पर्यटन स्थल के रूप में घोषित कर देंगे। विधायक अरूण वोरा के एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात सदन में कही। उन्होंने बताया कि पेंड्रावन से 11 गावों के 6027 एकड़ खेतों को पानी मिल रहा है। जलाशय क्षेत्र में खनन के लिए 5 जनवरी 2009 व 3 जनवरी 2017 को खनिज विभाग को सशर्त एनओसी जारी की गई थी। अवैध खनन का कोई मामला दर्ज नहीं है। केशव चंद्रा ने हसदेव बांगो परियोजना के नवीनीकरण, जीर्णोद्धार पर विस्तार से जानकारी मांगी। खेलसाय सिंह ने सूरजपुर में सिंचित व असिंचित रकबे पर सवाल पूछे। जनकराम वर्मा ने फसल बीमा के मुआवजे को लेकर सवाल किए। वृहस्पति सिंह ने एनीकटों पर सवाल पूछे।

बस्तर में ढोलकल समेत पौराणिक काल के मंदिरों की सुरक्षा की मांग उठी

ध्यानाकर्षण के दौरान विधायक दीपक बैज व कवासी लखमा ने बस्तर में ढोलकल समेत ऐतिहासिक व पौराणिक मंदिरों की सुरक्षा व जीर्णोद्घार की मांग की। उन्होंने संस्कृति मंत्री दयाल दास बघेल का ध्यान आकृष्ट करते हुए जानना चाहा कि क्या ढोलकल मंदिर के भगवान गणेश की मूर्ति किसी हेलिकाॅप्टर के वहां चक्कर लगाने की वजह से या ले जाने के प्रयास से क्षतिग्रस्त हुई। या फिर नक्सलियों की करतूत थी। मंत्री ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और जांच की जा रही है। अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। विधायकों ने बस्तर संभाग में बत्तीसा मंदिर बारसूर, शिव मंदिर छंदगांव, बौद्ध चैत स्मारक बोंगापाल, प्राचीनटीला अवशेष गढ़धनौरा, शिवमंदिर चित्रकोट, शिव मंदिर गुमड़ापाल, शिव मंदिर केसरपाल के रखरखाव की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि बस्तर की संस्कृति से जुड़ी धरोहर की रक्षा के लिए सरकार उदासीन है। 

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