जगदलपुर। सहायक शिक्षक के पद से नौकरी की शुरुआत करके क्रमशः 12 और 24
साल में क्रमोन्नति लेनें वाले कर्मचारियों को भी उच्च श्रेणी शिक्षक और
व्याख्याता की तर्ज पर अब दस और बीस साल में प्रथम और द्वितीय क्रमोन्नति
का लाभ मिलेगा।
सहायक शिक्षक से नौकरी शुरू करने वाले कर्मचारी लंबे समय से प्रथम और द्वितीय क्रमोन्नति की समयसीमा क्रमशः दस और बीस साल करने की मांग करते आ रहे थे। जिसे राज्य शासन ने स्वीकार कर लिया है। इस संबंध में दस मार्च को सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। आदेश के अनुसार सहायक शिक्षकों को प्रथम क्रमोन्नति दस साल में और द्वितीय क्रमोन्नति बीस साल बाद प्रदान जाएगी। क्रमोन्नति की देयता तिथि के अनुसार केवल काल्पनिक वेतन निर्धारण किया जाएगा एवं किसी प्रकार के एरियर्स देय नहीं होंगे। कहा जा रहा है कि शासन के आदेश से तत्कालिक रूप से भले ही एरियर्स की पात्रता नहीं होगी पर सातवां वेतनमान में सहायक शिक्षक रह चुके कर्मचारियों को वेतन में फायदा होगा।
कब हुआ था शिक्षकों के लिए क्रमोन्नति का निर्धारण
अविभाजिम मध्यप्रदेश के समय शासन ने 17 मार्च 1999 और 19 अप्रेल 1999 को जारी आदेश के अनुसार सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता को प्रथम क्रमोन्नति 12 और द्वितीय क्रमोन्नति 24 साल में प्रदान किया गया। 4 अगस्त 2010 को उपरोक्त आदेश संशोधित करके राज्य शासन ने शिक्षक तथा व्याख्याता संवर्ग को प्रथम उच्चतर समयमान वेतनमान दस साल बाद और द्वितीय उच्चतर समयमान वेतनमान बीस साल देनें का निर्णय लिया गया। ताजा आदेश के अनुसार अब सहायक शिक्षक को भी दस और बीस साल में प्रथम और द्वितीय क्रमोन्नति मिलेगा।
1993 में अंतिम बार हुई थी सहायक शिक्षकों की भर्ती
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय अंतिम बार 1993 में नियमित पदों पर सहायक शिक्षकों की भर्तियां हुई थी। इसके बाद बीच में सिर्फ अनुकंपा नियुक्ति के ही कुछ मामलों में आश्रितों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी गई है। 1995 में सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता के पदों पर भर्तियां पूरी तरह से बंद करके शिक्षाकर्मी के पदों का सृजन कर भर्तियां शुरू की गई। 1993 में नियुक्त लगभग सभी सहायक शिक्षक पदोन्नत होकर प्रधान पाठक, उच्च श्रेणी शिक्षक, व्याख्याता अथवा प्रधान अध्यापक मिडिल स्कूल के पद पर पहुंच चुके हैं।
सहायक शिक्षक से नौकरी शुरू करने वाले कर्मचारी लंबे समय से प्रथम और द्वितीय क्रमोन्नति की समयसीमा क्रमशः दस और बीस साल करने की मांग करते आ रहे थे। जिसे राज्य शासन ने स्वीकार कर लिया है। इस संबंध में दस मार्च को सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। आदेश के अनुसार सहायक शिक्षकों को प्रथम क्रमोन्नति दस साल में और द्वितीय क्रमोन्नति बीस साल बाद प्रदान जाएगी। क्रमोन्नति की देयता तिथि के अनुसार केवल काल्पनिक वेतन निर्धारण किया जाएगा एवं किसी प्रकार के एरियर्स देय नहीं होंगे। कहा जा रहा है कि शासन के आदेश से तत्कालिक रूप से भले ही एरियर्स की पात्रता नहीं होगी पर सातवां वेतनमान में सहायक शिक्षक रह चुके कर्मचारियों को वेतन में फायदा होगा।
कब हुआ था शिक्षकों के लिए क्रमोन्नति का निर्धारण
अविभाजिम मध्यप्रदेश के समय शासन ने 17 मार्च 1999 और 19 अप्रेल 1999 को जारी आदेश के अनुसार सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता को प्रथम क्रमोन्नति 12 और द्वितीय क्रमोन्नति 24 साल में प्रदान किया गया। 4 अगस्त 2010 को उपरोक्त आदेश संशोधित करके राज्य शासन ने शिक्षक तथा व्याख्याता संवर्ग को प्रथम उच्चतर समयमान वेतनमान दस साल बाद और द्वितीय उच्चतर समयमान वेतनमान बीस साल देनें का निर्णय लिया गया। ताजा आदेश के अनुसार अब सहायक शिक्षक को भी दस और बीस साल में प्रथम और द्वितीय क्रमोन्नति मिलेगा।
1993 में अंतिम बार हुई थी सहायक शिक्षकों की भर्ती
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय अंतिम बार 1993 में नियमित पदों पर सहायक शिक्षकों की भर्तियां हुई थी। इसके बाद बीच में सिर्फ अनुकंपा नियुक्ति के ही कुछ मामलों में आश्रितों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी गई है। 1995 में सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता के पदों पर भर्तियां पूरी तरह से बंद करके शिक्षाकर्मी के पदों का सृजन कर भर्तियां शुरू की गई। 1993 में नियुक्त लगभग सभी सहायक शिक्षक पदोन्नत होकर प्रधान पाठक, उच्च श्रेणी शिक्षक, व्याख्याता अथवा प्रधान अध्यापक मिडिल स्कूल के पद पर पहुंच चुके हैं।