बिलासपुर।High Court News: शिक्षकों के पेंशन और पीएफ संबंधित मामलों को लेकर हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद शिक्षा सचिव सहित अधिकारियों को तीन माह के भीतर पुरानी पेंशन स्कीम संबंधित प्रकरण का निराकरण करने का आदेश दिया है।
कांकेर जिले के नरहरपुर ब्लाक के व्याख्याता शिक्षक, शिक्षक और सहायक शिक्षक संजय कुमार, फकीर सिंह, चंद्रकांत भास्कर, राम प्यारी गजभिये, सरस्वती निषाद, जागेश्वरी ध्रुव, अंबी कश्यप, गीता देवी सलाम, यूके सलाम समेत कई अन्य शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया कि सभी याचिकाकर्ता वर्ष 1998 से बतौर शिक्षक पदस्थ हैं। इस बीच सभी का संविलियन शिक्षा विभाग में किया गया है।
इनके वेतन में 2004 में लागू नेशनल पेंशन स्कीम के तहत बिना सहमति कटौती की जा रही है। उनके वकील का कहना है कि कि चूंकि सभी याचिकाकर्ता 1998 से पदस्थ हैं। इसलिए बाद में लागू हुई पेंशन स्कीम के तहत उनके वेतन से कटौती नहीं की जा सकती। याचिका में सभी शिक्षकों को नियमानुसार नियुक्ति तिथि 1998 के तहत यानी पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने की मांग की गई है।
याचिका में प्रथम नियुक्ति तिथि को आधार मानकर कर्मचारी हित में दिए गए निर्णय का हवाला दिया गया है। साथ ही शासन के द्वारा बिना सहमति वेतन से कटौती करने को भी गलत बताया गया है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य शासन के शिक्षा सचिव सहित अन्य सभी पक्षकारों से जवाब मांगा था।
सभी पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने शिक्षा सचिव सहित जिला शिक्षा अधिकारी व विकासखंड शिक्षा अधिकारी को तीन माह के भीतर नियामानुसार याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन पर तीन माह के भीतर निराकरण करने का आदेश दिया है।