राजनांदगांव (नईदुनिया प्रतिनिधि)।
इसी महीने पेश होने जा रहे राज्य सरकार के बजट से शिक्षा जगत को कई तरह की उम्मीदें हैं। शिक्षा में गुणवत्ता के लिए सबसे ज्यादा जरूरी रिक्त पदों पर भर्ती के साथ ही पदोंन्नाति को मानी जा रही है। अभी जिले के करीब 600 स्कूलों (हाई व हायर) में प्रभारी प्राचार्य काबिज हैं। उन्हें वेतन तो उसी के अनुरूप ही दिया जा रहा है, लेकिन पदोंन्नाति नहीं मिलने के कारण प्रभार पर चल रहे हैं। स्कूलों को हाईटेक बनाने के लिए डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने व तकनीकी शिक्षा की दिशा में भी शिक्षा क्षेत्र को सरकार से आस बंधी हुई है। ताकि कोरोना जैसी महामारी की स्थिति में भी शिक्षा की रफ्तार थम न पाए। इसके अलावा नए भवनों के साथ ही जर्जर हो चुके पुराने भवनों की मरम्मत भी जरूरी मानी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार के बजट में शिक्षा से जुड़ी जिले की इसी तरह की समस्याएं सुलझाई जा सकती है।
वैश्विक महामारी कोरोना ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के साथ ही पूरी व्यवस्था को तकनीक से जोड़ने का ऐसा रास्ता दिखाया है जो भविष्य में सार्खक साबित हो सकती है। पूरे कोरोना काल में सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास के रूप में जो नई शुरुआत हुई है। मोहला, मानपुर व छुरिया के शत-प्रतिशत स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। डोंगरगढ़ व खैरागढ़ ब्लाक में भी डिजिटल एजुकेशन शुरू कराया जा चुका है। राजनांदगांव ब्लाक में भी स्मार्ट टीवी व प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया ही जा रहा है। बाकी ब्लाकों तक उसे ले जाने के लिए बड़े बजट की दरकार महसूस की जा रही है। इसके लिए सरकार को चाहिए कि स्मार्ट टीवी मुहैया कराए।
तीन ब्लाकों में स्मार्ट, बाकी में काम जारी
कोरोना काल में ठप पड़ी पढ़ाई को गति देने शुरू किया गया स्मार्ट क्लास वाला अभियान जिले के तीन ब्लाकों में पूरा हो चुका है। मोहला, मानपुर, अंबागढ़ चौकी में शत-प्रतिशत स्कूलों में स्मार्ट क्लास के माध्यम से ही पढ़ाई कराई जा रही है। बाकी ब्लाकों में भी शुरुआत की जा चुकी है, लेकिन फंड की कमी के कारण गति तेज नहीं हो पा रही। शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का मानना है कि सरकार बजट दे तो पूरा जिला डिजिटल पढ़ाई से जुड़ जाएगा।
रिक्त पदों पर भर्ती जरूरी
शिक्षा विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती कर शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जा सकती है। वर्तमान में अनुकंपा नियुक्ति के कुल रिक्त पदों के 10 प्रतिशत पदों पर ही दी जा रही है। इतना ही नहीं यह केवल भृत्य के पद पर की जाती है, जबकि लिपिक के हजारों पद रिक्त हैं, जिसपर मृत शासकीय सेवकों के उच्च शिक्षित व योग्य बच्चों को अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए। इसके लिये पूर्व की भांति शासन प्रावधान करे और रिक्त पदों के 10 प्रतिशत पदों को अनुकंपा नियुक्ति से भरने की बाध्यता समाप्त की जानी चाहिए। इससे अध्यापन व्यवस्था सुधरेगी। इसके अलावा कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा के लिए शिक्षा भत्ता दिया जाना चाहिए।- सतीश ब्योहरे, महासचिव, कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन
डिजिटल शिक्षा को मिले बढ़ावा
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार को लर्निंग पर ज्यादा जोर देना चाहिए। वैश्विक महामारी कोरोना और लॉकडाउन के अचानक सामने आने से शिक्षण संस्थान, शिक्षक व छात्र आनलाइन शिक्षा के लिए तैयार नही थे। स्कूलों को इंटरनेट कनेक्टिविटी, वित्तीय चुनौती व तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा। शिक्षा को सरल, सुगम व रोजगारमुखी बनाने सरकार को शिक्षा में डिजिटल लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटिलिजेस को बढ़ावा देने कार्य करना चाहिए।- नागेश यदु, सयोंजक, छात्र युवा मंच
शिक्षक भर्ती का प्रावधान हो
छत्तीसगढ़ प्रदेश के 20 वर्ष होने के बाद भी स्कूलों में शिक्षकों , प्राचार्य , प्रधानपाठकों का अभाव है। प्रदेश के लिए दुर्भाग्य है कि इतने वर्ष पश्चात भी सरकार स्कूल व कॉलेजों में शिक्षकों-प्राध्यापकों की भर्ती नही कर पायी। इस बार राज्य सरकार अपने बजट में शिक्षक भर्ती का भी प्रावधान रखे जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पूर्ण रूप क्रियान्वयन हो सके।- हिना साहू, महाविद्यालयीन छात्रा
आंकड़ों में शिक्षा
2959 स्कूल हैं जिले में हैं
1842 प्राथमिक शालाएं हैं
787 स्कूल माध्यमिक
128 हाईस्कूल हैं जिले में
202 है हायर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या
361 निजी शालाएं भी संचालित हैं
20 निजी महाविद्यालय हैं जिले में
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अपेक्षाएं
0 स्कूल भवनों का विस्तार व अतिरिक्त भवनों के लिए स्वीकृति
0 स्कूलों में व्यायाम शिक्षकों की भर्ती
0 छात्रवृत्ति के लिए बनाए गए नियमों में शिथिलता
0 इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए ठोस कार्ययोजना
0 आइटीआइ में नई फैकल्टीज की शुरुआत
0 सभी ब्लाकों में शासकीय अंग्रेजी माध्यम की स्कूल