छग सहायक शिक्षक फेडरेशन के शिक्षकों की शिकायत पर बीईओ के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। डीईओ ने बीईओ के खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस जांच समिति में ब्लाॅक के तीन
स्थानीय प्राचार्यो को जांच का जिम्मा दिया गया है। जांच समिति में दो पुरुष व एक महिला प्राचार्य है और तीनों के स्थानीय व बीईओ से नजदीकी सबंधिों के चलते जांच शुरु होने से पहले ही जांच रिपोर्ट को लेकर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है। फेडरेशन के शिक्षकों ने बीईओ अर्जुन राम देवगांन के खिलाफ एक नहीं कई शिकायतें की है। सबसे गंभीर शिकायत महिला शिक्षकों की ओर से आई है। महिला शिक्षिकाओं का आरोप है की बीईओ देवांगन का अपने अधिनस्थ महिला शिक्षकों के साथ व्यवहार अपमानजनक है। वे महिला शिक्षकों को बिना कार्य वक्त बेवक्त फोन लगाते हैं तथा बिना किसी आधार के वरिष्ठ शिक्षिकाओं को अतिशेष बताकर उन्हे अलग अलग संस्थाओं में संलग्न करते हैं। इसके अलावा बीईओ देवांगन पर अकारण महिला शिक्षकों का वेतन रोकने व उन्हें आकर मिलने के लिए फोन लगाना सहित अन्य कई गंभीर आरोप है। इधर पुरुष शिक्षको की भी शिकायत है कि उनकी समस्याओं के निराकरण का नहीं हो रहा है एवं समय पर वेतन भी नहीं निकल रहा है। देवांगन का व्यवहार अपने साथी कर्मचारियों के साथ ठीक नहीं है। छग सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष मनीष मिश्रा व ब्लाक अध्यक्ष देवकुमार यादव ने आरोप लगाया कि बीईओ देवांगन द्वारा परामर्षदात्री समिति की बैठक समय पर बुलाई नहीं जाती है और दो साल पहले बैठक में दिए गए आश्वासन को पूरा भी नहीं किया गया है।21 जनवरी को बीईओ को हटाने हुआ है धरना प्रदर्शन
पखवाड़े
भर पहले छग सहायक शिक्षक फेडरेशन ने 21 जनवरी को बीईओ को हटाने के लिए
ब्लाक मुख्यालय में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन व बीईओ कार्यालय का घेराव किया
था। छग सहायक शिक्षक फेडरेशन ने चेतावनी दी थी की यदि पखवाड़ेभर के अंदर
बीईओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई और उन्हें चौकी से स्थानांतरित नहीं किया
जाता है तो वे 8 फरवरी से भूख हड़ताल पर बैठैंगे। फेडरेशन की इस चेतावनी के
बाद हरकत में आए स्कूल शिक्षा विभाग ने बीईओ के खिलाफ जांच के लिए एक तीन
सदस्यीय कमेटी बना दी है।
सभी जांच के लिए तैयार
मामले
को लेकर बीईओ अर्जुन देवांगन ने शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार व शिक्षकों
की समस्याओ का निराकरण नहीं करने के आरोपों को गलत बताया। देवगांन ने कहा
की उन्होने कुछ गलत नही किया है वे हर तरह की जांच का सामना करने को तैयार
है।